Tax के नियम बनेंगे और आसान, सरकार ने कस ली कमर, जानिए अगले महीने से क्या करने की है प्लानिंग
प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने की कवायद के तहत सरकार ने अक्टूबर से आयकर अधिनियम, 1961 पर निजी क्षेत्र और कर विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित करने का प्रस्ताव किया है.
प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने की कवायद के तहत सरकार ने अक्टूबर से आयकर अधिनियम, 1961 पर निजी क्षेत्र और कर विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित करने का प्रस्ताव किया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस महीने की शुरुआत में उद्योग मंडलों के साथ बैठक में सरकार ने कहा था कि आयकर पोर्टल में एक ऐसी सुविधा बनाई जाएगी, जिसमें आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के बारे में सुझाव दिए जा सकेंगे. इसका मकसद भाषा को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना है.
बजट घोषणा के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने छह दशक पुराने प्रत्यक्ष कर कानून की व्यापक समीक्षा और इसे संक्षिप्त, पढ़ने और समझने में सुगम बनाने के लिए एक आंतरिक समिति गठित की थी. एक सूत्र ने बताया, ‘‘उद्योग संघों के साथ बैठक में राजस्व विभाग ने सुझाव दिया कि आयकर कानून को फिर से तैयार करने के लिए सुझाव को लेकर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पोर्टल पर यह सुविधा डाली जाए.’’
एक अन्य सूत्र ने बताया कि यह कवायद नया कर कानून या कर संहिता लिखने के लिए नहीं है. सूत्र ने कहा, ‘‘पुराने बेकार पड़ चुके प्रावधानों को हटाने से ही पृष्ठों की संख्या में करीब 100 की कमी आ सकती है. आयकर कानून की समीक्षा का उद्देश्य भाषा को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना है.’’
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
जुलाई में पेश किए गए 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया था कि आयकर कानून की समीक्षा छह महीने में पूरी हो जाएगी. यह देखते हुए कि छह महीने की समयसीमा जनवरी में समाप्त हो रही है, व्यापक रूप से उम्मीद है कि संशोधित आयकर अधिनियम संसद के बजट सत्र में लाया जा सकता है. एक अन्य सूत्र ने कहा कि चूंकि कानून में कोई नया बदलाव अपेक्षित नहीं है, इसलिए संशोधित अधिनियम वित्त विधेयक, 2025 का भी हिस्सा बन सकता है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
12:44 PM IST